मंदिर में रहती हो मईया,
कभी बाहर भी आया जाया करो,
मैं रोज तेरे घर आती हु कभी तुम भी मेरे घर आया जाया करो,
भगतो पे किरपा करदो मईया,
तेरे दरबार खड़ी हु मईया,
मुज्पे भी किरपा बरसा जाओ,
मेरी पार लगा दो तुम नैया,
मैं रोज तेरे घर आती हु कभी तुम भी मेरे घर आया जाया करो,
तेरी जोत जला के बेठी हु,
तेरे दर्शन को माँ तरसी हु,
एक बार तो मईया आ जाओ,
तेरे बिन आँगन सुना है
मैं रोज तेरे घर आती हु.............
मेरे नैना झर झर बहते है,तेरे दरस को ही माँ तरसे है
इन नैनो में तुम बस जाओ,
मेरा जीवन सफल ही हो जाये
मैं रोज तेरे घर आती हु.........