देवनंदी गुरुदेव जय हो आचार्य प्रवर....-4
शीला देवीजी की आँख के तारे मेरे गुरुवर,
प्रेमचंद्रजीे के जो नन्दन, उनको वंदन,
देवनंदी गुरुदेव जय हो आचार्य प्रवर॥
बालपन से संयम को धारे चले गुरुवर,
कुंथुसागरजी से ले दीक्षा, चले शिवपथपर,
देवनंदी गुरुदेव जय हो आचार्य प्रवर॥
सारश्वत आचार्य कहाये मेरे गुरुवर,
परम तपस्वी बड़े उदार, गुरुदेव हमारे,
देवनंदी गुरुदेव जय हो आचार्य प्रवर॥
तीर्थो का उद्धार कराए मेरे गुरुवर,
ज्ञानयोगी और प्रज्ञाश्रमण, करे आत्म रमण,
देवनंदी गुरुदेव जय हो आचार्य प्रवर॥
करुणा और वात्सल्य के दाता मेरे गुरुवर,
जिसके सर पर रख दे हाथ, सुख उसके साथ,
देवनंदी गुरुदेव जय हो आचार्य प्रवर॥
णमोकार तीरथ के प्रणेता मेरे गुरुवर,
पद्मावती माँ का दरबार, बड़ा अतिशयकार,
देवनंदी गुरुदेव जय हो आचार्य प्रवर॥