मेरे मन में पारसनाथ,
तेरे मन में पारसनाथ,
रोम रोम में समाया पारसनाथ रे,
रोम रोम में समाया पारसनाथ रे,
मेरी साँसों में समाया पारसनाथ रे,
मेरे मन मे पारसनाथ।।
जैसे फूलों में सुगन्ध,
जैसे कलियों में है रंग,
कतरे कतरे में समाया पारसनाथ रे,
मेरी साँसों में समाया पारसनाथ रे,
मेरे मन मे पारसनाथ।।
जैसे नदियों में है गंगा,
जैसे नभ में चमके सोहे,
पत्ते पत्ते पे लिखा है पारसनाथ रे,
मेरी साँसों में समाया पारसनाथ रे,
मेरे मन मे पारसनाथ।।
जैसे शंखेश्वर में धाम,
जैसे जीरावला में धाम,
जैसे लोदरवा में धाम,
जैसे नेरुल नगर में धाम,
जैसे नागेश्वर में धाम,
जैसे नाकोड़ा बिराजे पारसनाथ रे,
मेरी साँसों में समाया पारसनाथ रे,
मेरे मन में पारसनाथ,
तेरे मन में पारसनाथ,
रोम रोम में समाया पारसनाथ रे,
रोम रोम में समाया पारसनाथ रे,
मेरी साँसों में समाया पारसनाथ रे........