पहले गौरी गणेश मनाया करो,
फिर भोले जी के दर्शन पाया करो॥
भोले माथे पर तेरे चंदा है,
और जटा में तेरे गंगा है,
गंगा में गोता लगाया करो,
फिर भोले जी के दर्शन पाया करो॥
भोले हाथ में तेरे डमरू है,
और गले सर्पो की माला है,
डमरू की धुन पर नाचाया करो,
फिर भोले जी के दर्शन पाया करो॥
भोले अंग भभूति रमाते हो,
और तन बाघअंबर पहनते हो,
गौरा संग रास रचाया करो,
फिर भोले जी के दर्शन पाया करो॥
भोले अजब तुम्हारी माया है,
और भेद किसी ने ना पाया है,
भोले की महिमा गाया करो,
फिर भोले जी के दर्शन पाया करो॥