भोले बाबा की नगरिया चलो धीरे धीरे,
धीरे धीरे हो रामा धीरे धीरे,
लेके कांधे पे कावड़िया चलो धीरे धीरे,
भोले बाबा की नगरिया चलो धीरे धीरे....
एक बरस के बाद मैं आया रंग रंगीला सावन,
कावड़िया तुम भरने चालो गंगा का जल पावन,
कहीं छलके ना गगरिया चलो धीरे धीरे,
भोले बाबा की नगरिया चलो धीरे धीरे....
बादल गरजे बिजली चमके रिमझिम पड़े फुहार,
रस्ता गीला फिसल ना जाना रखियो कदम संभाल,
भोले बाबा की नगरिया चलो धीरे धीरे....
लचक लचक लचके कावड़,
और छम छम घुंघरू बाजे,
सरर सरर चली है पुरवइया घन घन मेघा बरसे,
उड़ उड़ जाए रे चुनरिया चलो धीरे धीरे,
भोले बाबा की नगरिया चलो धीरे धीरे....
तन कमजोर कावड़ है भारी अंधियारी है रात,
बहुत भीड़ है बिछड़ ना जाना कस के पकड़ लो हाथ,
संग में ले लो रे सांवरिया चलो धीरे धीरे,
भोले बाबा की नगरिया चलो धीरे धीरे....