नंदी दी करके सवारी डमरू वाला रे,
है गले में लिपटा नाग बुजंगा काला रे,
आये है व्याह रचाने गोरा को अपना बनाने,
है भुत प्रेत सब संगी करते है बड़ी हुड दंगी,
क्या अध्भुत रूप बनाया डमरू वाला रे ,
है गले में लिपटा नाग बुजंगा काला रे,
तब देख मैना रानी हुई दिल में बड़ी हैरानी,
बिटिया की भाग फुट गये कैसी किस्मत टकरानी,
ना व्याहु पारवती को डमरू वाला रे,
है गले में लिपटा नाग बुजंगा काला रे,
संग ढाती गिरजा मियां शिव जन्म जन्म के खिवैयाँ,
जब जब जग में मैं आई शिव बने है मेरे सइयां,
माँ जोड़ दो मेरा नाता तू भोला भाला रे,
है गले में लिपटा नाग बुजंगा काला रे,
कहे संजो सुन मंटोला शिव खाये भांग का गोला,
है मस्त मगन अनमोल इनका अड़भंगा चोला,
अपनी रहती मस्ती में जग का आला रे,
है गले में लिपटा नाग बुजंगा काला रे,