आये हैं दिन सावन के,
गंगा जल से भर के गगरिया,
शिव को कावड चढावण के,
आये हैं दिन सावन के....
यही है दुनिया में देव अकेला,
लगे है यहाँ कावड़ियो का मेला,
आये है दिन शिव भक्तो के,
हर हर बम बम गावण के,
आये हैं दिन सावन के....
यही वो दिन बाबा माल लुटाये,
यहाँ से कोई खाली हाथ ना जाए,
भोलेनाथ से जी भर मांगी,
आये है दिन मांगण के,
आये हैं दिन सावन के…..
आओ जी सारे झमो नाचो गाओ,
मचाओ बनवारी धमाल मचाओ,
आये है दिन शिव शंभू के,
हमको पास बुलावण के,
आये हैं दिन सावन के…..