मोहे ले चल रे भरतार,
लेके राधा कृष्ण के मेले में.....
पहले गोवर्धन जाऊंगी,
दर्शन गिरिराज के पाऊंगी,
दूंगी परिक्रमा एक बार,
लेके राधा कृष्ण के मेले में.....
वृंदावन कुंज बिहारी की,
राधा बरसाने वाली की,
मैं भी करूंगी जय जयकार,
लेके राधा कृष्ण के मेले में.....
फिर जन्मभूमि में घूमूगी,
मथुरा की रज को चूमूगी,
जहां जन्मे कृष्ण मुरार,
लेके राधा कृष्ण के मेले में.....
मैं देखूं जमुना जी का तट,
जहां बनो है प्यारो बंसीवट,
जहां कान्हा करे तकरा,
लेके राधा कृष्ण के मेले में.....