तेरी छवि मन भायी तोसे प्रीत लगाई
तेरी छवि मन भायी तोसे प्रीत लगाई
तेरी छवि मन भायी तोसे प्रीत लगाई
अपने चरणों में बसा ले मोहे ओ कन्हाई
तेरी छवि मन भायी......
सारे जग से निराले,जसोमती के दुलारे
कान्हा धेनु चराए, चोरी चोरी माखन खाए
नित रचे नई लीला मेरे लीला धारी
तेरी छवि मन भायी.......
धन्य हुआ बृज धाम,खेले राधा संग श्याम
गोपी ग्वाल सुबह शाम,भजते राधे श्याम श्याम
बिकते प्रेम के मोल पीतांबरधारी
तेरी छवि मन भायी......
ऐसी भक्ति रास आई, बन गई जोगन मीरा बाई
नरसी, सूर, करमा बाई, सबने महिमा तेरी गाई
बड़े भक्त वत्सल है मेरे गिरधारी
तेरी छवि मन भायी......
जमुना तीरे आजा ओ बृज के राजा
मीठी तान सुना जा, गीता ज्ञान सुना जा
लेके आस आई मोहन तेरे दरशन की
तेरी छवि मन भायी......
तेरी छवि मन भायी तोसे प्रीत लगाई
अपने चरणों में बसा ले मोहे ओ कन्हाई
तेरी छवि मन भायी तोसे प्रीत लगाई
तेरी छवि मन भायी तोसे प्रीत लगाई
तेरी छवि मन भायी तोसे प्रीत लगाई