मधुबन चली जाऊंगी बाबा वैध बने सरकारी,
मधुबन चली जाऊंगी कन्हैया वैध बने सरकारी॥
पहली नबज मेरी सास की देखो,
इनके कछु ना है इनके चरखा की है बीमारी,
मधुबन चली जाऊंगी कन्हैया वैध बने सरकारी॥
दुजी नबज मेरी जिठनी कि देखो,
इनके कछु ना है इनके न्यारे की है बीमारी,
मधुबन चली जाऊंगी कन्हैया वैध बने सरकारी॥
तीजी नबज मेरी दयोरानी की देखो,
इनके कछु ना है इनके रोटीन की है बीमारी,
मधुबन चली जाऊंगी कन्हैया वैध बने सरकारी॥
चौथी नबज मेरी ननंद की देखो,
इनके कछु ना है इनके गोने की है बीमारी,
मधुबन चली जाऊंगी कन्हैया वैध बने सरकारी॥
पांचवी नबज मेरी खुद की देखो,
मेरे कछु ना है मेरे सत्संग की है बीमारी,
मधुबन चली जाऊंगी कन्हैया वैध बने सरकारी॥