देवकी जाये गोकुल बने यशोदा दुलार,
आरती उतारे तेरी कृष्ण मुरार,
स्रष्टि के झुलैया झूले यशोदा के पालना,
जगत के पिता बने नन्द जू के लालना,
कैसे है कन्हैया खायी यशोदा की मार,
आरती उतारे तेरी कृष्ण मुरार…………
माटी खायी मुखमें माँ को स्रष्टि दिखाई
नन्द के ग्वाले बने,गयिया भी चराई
ग्वालो में ग्वाले बने स्रष्टि के सार
आरती उतारे तेरी कृष्ण मुरार…………
करे मटकी भी फोरी दही भी चुराए है
गोपिकाए आई तूने मुरली भी बजाई
छाछ पे नाचे प्रभु भक्तों का प्यार
आरती उतारे तेरी कृष्ण मुरार…………
भौएँ टेडी मुरली टेडी टेडी तेरी चाल है
माखन चोर कनाहेया घुंघर वाले बाल है
मुरली है निराली तेरी आदि ओंकार
आरती उतारे तेरी कृष्ण मुरार…………
राधा आयी रास रचाई मारी पिचकारी है
रंग दे चुनरिया वो कान्हा की दुआरी है
करुणामयी सरकार पे मै जाऊ बलिहार
आरती उतारे तेरी कृष्ण मुरार………..