जा रे जा जा रे बदरा तू कान्हा के अंगना

जा.. रे जा जा रे बदरा तू कान्हा के अंगना,
तुझसे बोले ये राधा, किया कान्हा ने वादा,
खड़ी यमुना किनारे, राधा बाट निहारें,
आने को कह गए काहे न आए जाके तू श्याम को लारे,
जा..रे जा जा रे बदरा.....

फूल ये कलिया बिरज की गलियां, हंसती है मुझपे,
हंसे जमाना हवा भी ताना, कसती है मुझ्पे,
दिन भी ढला शाम आई टूटी ना ये आशा,
तेरे मिलन को कान्हा, मन मेरा प्यासा,
कान्हा से कहना बोले ये राधा, आजा दरस दिखलारे,
जा..रे जा जा रे बदरा.....

कान्हा के बिन कटते ना दिन कैसे समझाऊं,
बाते मन की प्रीत लगन की केह नहीं पाऊं,
दोनो जहां को भूली, भोली राधा रानी,
कान्हा कान्हा रटे है ये पगली दीवानी,
मेरा संदेशा जा पहुंचाना चैन ह्रदय का आरे।।
जा..रे जा जा रे बदरा.....

डॉ सजन सोलंकी

श्रेणी
download bhajan lyrics (428 downloads)