सांवरिया तेरी माला, जपूं मैं सुबह शाम,
प्राण पखेरु, जब निकले, ले जाना तेरे धाम॥
डगमग डगमग डोली, जब भी ये नैया
पार लगायी, तुने बन के खैवया,
लीले चढके आया, जब भी पुकारा नाम,
प्राण पखेरु, जब निकले, ले जाना तेरे धाम,
सांवरिया तेरी माला, जपूं मैं सुबह शाम॥
कितना दयालु है तु, बाबा हमारा,
साथ निभाता तु है, हारे का सहारा,
कोई कमी ना रखता, रखता है हरदम ध्यान,
प्राण पखेरु, जब निकले, ले जाना तेरे धाम,
सांवरिया तेरी माला, जपूं मैं सुबह शाम॥
ऐसी लगन लगी बाबा तेरे नाम की,
तेरे बिना ये सांसे, बाबा किसी काम की,
तुमने ही सवांरे, ‘स्मिता’ के हर काम,
प्राण पखेरु, जब निकले, ले जाना तेरे धाम,
सांवरिया तेरी माला, जपूं मैं सुबह शाम॥
महका चमन है मेरा, श्याम कृपा से,
जानते हैं लोग मुझे इनकी दया से,
सर पे रखना दयालु, हरदम ये तेरा हाथ,
प्राण पखेरु, जब निकले, ले जाना तेरे धाम,
सांवरिया तेरी माला, जपूं मैं सुबह शाम॥