सुन भक्तो की कान्हा पुकार ब्रिज में आ जाना,
करो दुखियो पे जरा उपकार ब्रिज में आ जाना॥
जब गम के साये हमें गेर जाये
जब नैना अपने ये आंसू बहाये,
चैन गवाए नींद ना आये अपने बने सब पराये,
तेरी राह तके नर नार धरा पे तुम आ जाना,
सुन भक्तो की कान्हा पुकार ब्रिज में आ जाना
जब हद से आगे बड़े अत्याचारी,
जब पापियों पे चढ़े गई खुमारी ॥
सबको सताए लूट मचाये पल भर में खून बहाये,
प्रभु करने असुर संगार धरा पे तुम आ जाना
कर विनती कर मेरी स्वीकार धरा पे तुम आ जाना,
सुन भक्तो की कान्हा पुकार ब्रिज में आ जाना