डाकिया दीजे दीजे बाबा ने सन्देश म्हारा श्याम ने सन्देश,
क्यों नी आयो रे, क्यों नी आयो रे,
ओ बाबा आँख म्हारी फड़के बाबा भक्त मिलण ने तरसे,
क्यों नी आयो रे, क्यों नी आयो रे.....
चूरमो बनाया बाबा भोग लगावण ने,
आंख्या म्हारी तरसे बाबा क्यों नी आयो जीमण ने,
बड़ा भाव से बणायो बड़ा चाव से बणायो,
क्यों नी आयो रे, क्यों नी आयो रे....
केसरियो बागो बाबा चाव से सिलायो,
हीरा मोत्यां सु बाबा बागो जडायो,
ओ लेकर मोरछड़ी ने हाथ आवो बैठो म्हारी खाट,
क्यों नी आयो रे, क्यों नी आयो रे.....
बरसा सु बैठ्यो बाबा म्हें तो थारी आस में,
कृपा करो म्हारा बाबा अब तो थारा दास पे,
म्हारा श्याम धणी सरकार आवो आवो लखदातार,
अब तो आवो रे, अब तो आवो रे....
दुखड़ा को म्हारो बाबा हेलो म्हारो सुन ले,
एकन बाबा म्हारी चौखट ने चुन ले,
आवो श्याम धणी दातार विनि रो करजो बेड़ा पार,
क्यों नी आयो रे, क्यों नी आयो रे.....