आओ श्याम धनि घर मेरे करने दर्शन तेरे
आके भाग जगा दो मेरे संवारे कर दो दूर अँधेरे
आओ श्याम धनि घर मेरे करने दर्शन तेरे
चुन चुन कलियाँ फुल मंगाऊ मिशरी भोग लगाऊ
सेवा करू मैं शाम सवेरे मन ईशा फल पाऊ
तू है मेरा श्याम संवारा भर दे पल्ले मेरे
आके भाग जगा दो मेरे संवारे कर दो दूर अँधेरे
हारे का तू बने सहारा फिर हारे हम कैसे
खाटू नगरी में तू बैठा और जाए कही कैसे
कब से तेरी राह निहारु हो जाए दर्शन तेरे
आके भाग जगा दो मेरे संवारे कर दो दूर अँधेरे
तू सचा दर सचा तेरा फिर मैं क्यों गबराउ
चेहल दीवाना बन के तेरा तेरे ही गुण गाऊ
जिन्दगी के दिन चार सँवारे बीते संग में तेरे
आके भाग जगा दो मेरे संवारे कर दो दूर अँधेरे