भगतो पे जब जब विपदा आई,
कौन बना रखवाला मेरा डमरू वाला,
कदम कदम पर दुःख संकट पे बिगड़ी बनाने वाला,
मेरा डमरू वाला…..
माथे पे चंदा सोहे और जटा में गंगा साजे,
नंदी की सवारी प्यारी गिरजा संग आप विराजे,
अद्भुत रूप बना कर बेठा लगता भोला भाला,
मेरा डमरू वाला……..
सारा सुख छोड़ के उसने श्मशानो में डेरा डाला,
रेहते ये ध्यान लगाये जपते है राम की माला,
सुन के करुण पुकार हमारी दोड के आने वाला,
मेरा डमरू वाला……
सागर मंथन के कारण विष निकला था अति भारी,
तब विनती की देवो ने प्रभु रक्षा करो हमारी,
विष पी कर जो अमृत बांटे ऐसा देव निराला,
मेरा डमरू वाला…