गौरा मैया की भोले से शिकायत है,
तेरी भांग अब न घोटी जात है....
घोटत घोटत दुखे हाथ भांग घुटावे तू दिन रात भोले सुन ले मेरी बात,
गई मायके तो लौट के न आत है,
तेरी भांग अब न घोटी जात है....
गोरा करे क्यों तकरार झगड़ा तेरा है बेकार,
भांग में घोटत थोड़ा प्यार,
तू पिला दे तो मजा आई जात है,
मेरी क्यों न घोटी जात है,
गौरा मैया की भोले से शिकायत है,
तेरी भांग अब न घोटी जात है....
अरे बात बात पे मांगे भांग लेली तूने मेरी जान,
बिक जावेगा घर ये मकान,
अपनी अमा से करनी शिकायात है,
तेरी भांग अब न घोटी जात है,
गौरा मैया की भोले से शिकायत है,
तेरी भांग अब न घोटी जात है....
मान ली गौरा तोरी बात ना करियो तू मोरी शिकायत,
कान पकड़ के जोडू हाथ
‘मनोज पागल’ भी गोरा जी के साथ है,
तेरी भांग अब न घोटी जात है,
गौरा मैया की भोले से शिकायत है,
तेरी भांग अब न घोटी जात है....