भोले ने समाधी तोड़ी

भोले ने तैयारी कर ली हरिद्वार के लिये,
मंदिर पर बैठ के चल दिए मौज बहार के लिए…..

भोले ने बहुत समझाई,
गौरा की समझ ना आई,
वो बोली भाँग तब घोटूँ करवा दो मेरी घुमाई,
भोले ने समधी तोड़ी अपनी गौरा के लिए,
नन्दी पे बैठ……

मुझे देदो भाँग का लोटा उठा लो कुण्डी सोटा,
और बैठ के गंगाकिनारे आनंद से पी लें लोटा,
शिव पार्वती जी आये जग उधार के लिए,
नन्दी पे बैठ……

भोले मंद मंद मुस्काए गौरा फूली ना समाए,
गंगा माँ के दर्शन को महादेवधरा पे आए,
भोलागौरा माँ लाए हरिद्वार के लिए,
नन्दी पे बैठ……

श्रेणी
download bhajan lyrics (455 downloads)