कितना ही सुन्दर कितना प्यारा, श्याम का द्वारा,
खो गया मैं तो वहां, जाऊं कहां,
मैं तो वहां खो गया,
मैं तो वहां खो गया,
कितना ही सुन्दर कितना ही प्यारा.....
उसकी ही रहमत, उसकी ही किरपा,
उसकी बहारे, उसके ही जलवे,
अब दिल तो मेरा जाये कहां,
मैं तो वहां खो गया,
मैं तो वहां खो गया,
कितना ही सुन्दर कितना ही प्यारा.....
रंग चढ़ा है मुझपे ऐसा, पागल बन डोलू छाया ऐसा,
क्या करूं मैं इसका इलाज,
किरपा से काम हो गया,
मैं तो वहां खो गया,
मैं तो वहां खो गया,
कितना ही सुन्दर कितना ही प्यारा.....