पूर्ण हो तुम, तुम शेष हो,
अति वशिष्ठ तुम विशेष हो,
शिवोह्म तुम महेश हो।
सूक्ष्म हो, विशाल हो,
अंतरिक्ष तुम, पाताल हो,
शिवोह्म तुम महाकाल हो।
विभस्त तुम विभोर हो,
तमस तुम, तुम्ही भोर हो,
शिवोह्म तुम अघोर हो।
तुम भस्म, तुम ज्वलंत हो,
आदि हो, तुम अंत हो,
शिवोह्म तुम पर्यन्त हो।
राजीव के शिव तुम पर्यन्त हो,
शिवोह्म तुम पर्यन्त हो।
©राजीव त्यागी