तुम उठ कर सुबह सवेरे शिव मंदिर जाया करो
शिव के पारस चरणों में नित शीश जुकाया करो
भोले की भगती से शक्ति मिलेगी
मिट जायेगे पाप मन से सभी
संतो की वाणी है ये अपरानी इस बात को न बुलाना कभी
ये जीवन देन जिस की गुण उसके गाया करो
शिव के पारस चरणों में नित शीश जुकाया करो
शिव के बिना शव है हम सब की किया
श्रृष्टि का आधार शिव ही तो है
जीवन के इस पार शिव ही तो शिव है
जीवन के उस पार शिव ही तो है
है विशव नाथ अविनाशी इन्हें विनती सुनाया करो
शिव के पारस चरणों में नित शीश जुकाया करो
देवो के भी देव है भोले शंकर इनसे बड़ा कोई दानी नही
इनसे बड़ा कोई योगी नही इनसे बड़ा कोई ग्यानी नही
होंगे दयाल त्रिपुरारी इन्हें मन से मनाया करो