सुबह शाम आठों याम
मैं गाऊँ तेरे भजन
लगी है भोले चरणों की तेरे
मुझको बड़ी लगन
जीवन की ऊँच नीच में
जब कोई दर्द मुझे सताए
मुख पे नाम तेरा ही भोले
तब आके धीर बंधाए
करता रहूँ गुणगान सदा
सदा मैं करता रहूँ सुमिरन
लगी है भोले चरणों की तेरे
मुझको बड़ी लगन
सुबह शाम आठों याम
मैं गाऊँ तेरे भजन ...
तेरे प्यार में मेरे भोले
मैनें भाग्य ऐसा पाया
अपने मन को मंदिर बनाकर
तुमको उस में बिठाया
हर घड़ी तुम रहो सामने
तुम्हें देखे मेरे नयन
लगी है भोले चरणों की तेरे
मुझको बड़ी लगन
सुबह शाम आठों याम
मैं गाऊँ तेरे भजन ...
कैसी भी आए मुसीबत
तुमको याद करता हूँ
पल में दूर हो जाती हैं
जब भी फरियाद करता हूँ
हो जाए राजीव धन्य
जो पा जाए दर्शन
लगी है भोले चरणों की तेरे
मुझको बड़ी लगन
सुबह शाम आठों याम
मैं गाऊँ तेरे भजन ...
©राजीव त्यागी