कैलाश पर्वत पर बाज रहे घुंघरू,
नाच रहे भोला बजा रहे डमरु.....
पर्वत पर नाचने को ब्रह्मा जी आए,
ब्रह्मा जी आए संग ब्रह्माणी को लाए,
उनके भी पैरों में बाज रहे घुंघरू,
नाच रहे भोला बजा रहे डमरू....
पर्वत पर नाचने को विष्णु जी आए,
विष्णु जी आए संग लक्ष्मी जी को लाए,
उनके भी पैरों में बाज रहे घुंघरू,
नाच रहे भोला बजा रहे डमरू.....
पर्वत पर नाचने को रामा जी आए,
रामा जी आए संग में सीता जी को लाए,
उनके भी पैरों में बाज रहे घुंघरू,
नाच रहे भोला बजा रहे डमरु.....
पर्वत पर नाचने को कान्हा जी आए,
कान्हा जी आए संग में राधा जी को लाए,
उनके भी पैरों में बाज रहे घुंघरू,
नाच रहे भोला बजा रहे डमरु.....
पर्वत पर नाचने को सभी संत आए,
सभी संतो के संग में भक्तों को लाए,
उनके पैरों में बाज रहे घुंघरू,
नाच रहे भोला बजा रहे डमरु.....