शिव जी तेरे मंदिर में आके,
मेरा मन पावन हो जाता है,
तेरी भोली सूरत देखकर,
शिव मेरा मन प्रसन्न हो जाता है,
शिव जी तेरे मंदिर में आके.....
यह जग सारा बेगाना है,
बस तुझे ही अपना माना है,
मैं तेरी हूं तू मेरा है,
यह अपनेपन का नाता है,
शिव जी तेरे मंदिर में आके.....
पग पग पर घना अंधेरा है,
मुझे लोभ मोह ने घेरा है,
ऐसे में तेरा नाम भोले,
मुझे नई राह दिखलाता है,
शिव जी तेरे मंदिर में आके.....
तू अजर अमर अविनाशी है,
तू स्वामी घट घट वासी है,
मुझे तेरे सिवा इस दुनिया में,
कुछ और नजर नहीं आता है,
शिव जी तेरे मंदिर में आके.....
तेरी ध्वनि में तेरी मस्ती में,
मैं मगन रहूं तेरी भक्ति में,
मैं खुद को धन्य समझती हूं,
जब अपने दर पर बुलाता है,
शिव जी तेरे मंदिर में आके.....
तू भोला अंतर्यामी है,
तू तीन लोक का स्वामी है,
तेरे सुमिरन से, तेरे पूजन से,
मेरा जग रोशन हो जाता है,
शिव जी तेरे मंदिर में आके.....