गोरा तू घोट दे भंगियाँ बिन भांग रहा न जाये,
पिया फुट गइयो सिल्वटा तेरी भांग न घोटी जाये,
बिन भांग नहीं रह पाउगा मैं सिलवटा मँगवाऊगा,
कई दिन होये बिठाये बिन भांग रहा न जाये,
गोरा तू घोट दे भंगियाँ
पिया घोटु न तेरी भांग कति चाहे हो जाऊगी अभी सती,
तेरी भांग कलेजा खाये मोसे रोज न घोटी जाये,
पिया फुट गइयो सिल्वटा तेरी भांग न घोटी जाये,
मोहे आदात पड़ गई पीने की ये दवा बन गई जीने की,
गोरा तू क्यों गबराये बिन भांग रहा न जाये,
गोरा तू घोट दे भंगियाँ
मैं तो आज पीहर जाऊगी तेरी ऐसी भांग गुटाऊगी
कुछ और नजर न आये तेरी भांग न घोटी जाये,
पिया फुट गइयो सिल्वटा तेरी भांग न घोटी जाये,
धमकी से तेरी ना डरु चाली जा दूजा व्याह करू,
सुन वर्मा को बरमाये बिन भांग रहा न जाये,
गोरा तू घोट दे भंगियाँ