बौल-:तेरे नाम का दिवाना, तेरे घर को ढुंढता है..
मेरे श्याम का दिवाना, संसार हो गया है,
ईक झलक दिखाके अपनीं, घायल वो कर गया है,
मेरे श्याम का दिवाना....
प्रेम से इसको बुलायेगा जो, संग उसी के जायेगा वो,
ये प्रेम में बन्धां है, बिन बुलाए चल दिया है,
मेरे श्याम का दिवाना....
द्रोपदी पुकारी हे केशवा, साड़ी बड़ानें आया था वो,
तारो का क़र्ज़ चुकानें, पलभर में आ गया वो,
मेरे श्याम का दिवाना....
मीरा पुकारी जब भी उसे, बनके प्याला वो आ गया,
ज़हर को अम्रंत बनानें, पलभर में आ गया है,
मेरे श्याम का दिवाना....