गुजरियां मटकी माखन की निचे क्यों न उतारे

सांवरिया मेरी मटकी में कंकर मत मारे,
गुजरियां मटकी माखन की निचे क्यों न उतारे,

जब मथुरा से वापिस आऊ तो कु माखन खूब खिलाऊ
धोखो देके कलन कर गी आज के दिन का वादा कर गी,
गुजरियां तुझसे मिलने को धंटा चार गुजारे ,
गुजरियां मटकी माखन की निचे क्यों न उतारे,

दिन निकले से मैं हु भूखो,
खाऊगा तेरा माखन रूखो,
तंग करे मत इकली पा कर,
कह दू गी मैं कंश से जा कर
सिपाहियां फिर डंडा से तेरा नशा उतारे,
सांवरिया मेरी मटकी में कंकर मत मारे,

रार करे यशोदा नंदन लिखे अनाडी गावे चदन ,
बात करे मत सर्प दंश की धमकी मत दे मुझे कंस की,
गुजरियां उसे गिन वा दू दिन में चंदा तारे,
गुजरियां मटकी माखन की निचे क्यों न उतारे,

श्रेणी
download bhajan lyrics (758 downloads)