झोली भरलो भगतों दौलत बरसे भोले के दरबार,
दातारी का क्या कहना है सरकारों की सरकार....
रंग रंगली महीना देखो सावन भोले बाबा का,
जैसे सावन बरसे वैसे बरसा दे भंडार,
झोली भरलो भगतों दौलत बरसे भोले के दरबार,
झोली भरलो जी....
देते-देते ये ना हारे तू लेते थक जायेगा,
भर-भर मुठी खूब लुटाये ऐसा है दातार,
झोली भरलो भगतों दौलत बरसे भोले के दरबार,
झोली भरलो जी....
बनवारी शिव के भगतों का देखा ठाठ निराला जी,
बारहों महीना मने दिवाली मौज करे परिवार,
झोली भरलो भगतों दौलत बरसे भोले के दरबार,
झोली भरलो जी....