मन की बात्ता सांवरिये ने.आज सुनाके देखले,
सुनसी-सुनसी सांवरो तू , टेर लगाकर देखले,
गली गली क्यू भटक रह्यो तू,श्याम खड्यो तेरे आगे,
तेरी पीड़ा वो ही हरेगो, चालेगो तेरे सागे,
गेलो टेढ़ो ,बाबो सीधो,बदले भाग्य की रेख रे,
मन की बात्ता सांवरिये .........
दुनिया से के आश करे है,शयम ही सांचो साथी,
मन दिवले ने जगमग करले,घाल प्रेम की बाती,
रोम रोम में श्याम रमाळे,फेर तमाशो देखले,
मन की बात्ता सांवरिये .........
खाटू माहि लगी कचहरी,श्याम करे सुनाई,
सांचो न्याय चुकातो आयो,जाने पीड़ परायी,
बिन्नू सुनादे बाता सारी,चरना माथो टेकले,
मन की बात्ता सांवरिये .........