जय काल महाकाल विकराल शम्भो,
जीवन हो या मृत्यु दोनों ही तुम हो,
जन्मों जन्मान्तर की लड़ियाँ ये कड़ियाँ,
हर योनि हर जीवन रखवाल तुम हो,
जय काल महाकाल,
जय काल महाकाल…..
सृष्टि के संचालक महाप्राण तुम हो,
तुम ही सुख, तुम ही दुःख, निर्वाण तुम हो,
सूरज से तेजस्वी सागर से निर्मल,
चन्दा भी, तारे भी, ब्रह्माण्ड तुम हो,
जय काल महाकाल,
जय काल महाकाल.....
जीवन की नैया तुम, पतवार तुम हो,
इस पार, उस पार, मझधार तुम हो,
कण-कण, ये हर क्षण, ये तुमसे बना है,
गूँजे तो घट भीतर ओमकार तुम हो,
जय काल महाकाल,
जय काल महाकाल.....
हिमालय के सर का श्रृंगार तुम हो,
गंगा की पावन सी एक धार तुम हो,
डम डम डम डमरू का एक नाद तुम हो,
शंखों के हृदयों की हुंकार तुम हो,
जय काल महाकाल,
जय काल महाकाल....
जय काल महाकाल किरपाल शम्भो,
त्रिलोक व्यापे हैं तेरे चरण हो,
तेरी कृपा हो तो जीवन प्रकट हो,
तेरे ही कोप से सृष्टि भस्म हो,
जय काल महाकाल,
जय काल महाकाल….
जीवन का मृत्यु का खेला रचाया,
एक लाया दुनिया में एक भिजवाया,
इन्सान बेचारे ने आँसू बहाया,
तेरा ये खेला समझ ही ना पाया,
तेरा ये खेला समझ ही ना पाया....
सोचे कि अपना कोई खोया गँवाया,
जो तेरा था वो जाकर तुझमें समाया,
जो तेरा था वो जाकर तुझमें समाया,
जो तेरा था वो जाकर तुझमें समाया....
जय काल महाकाल विकराल शम्भो,
जीवन हो या मृत्यु दोनों ही तुम हो,
जन्मों जन्मान्तर की लड़ियाँ ये कड़ियाँ,
हर योनि हर जीवन रखवाल तुम हो,
जय काल महाकाल,
जय काल महाकाल……