गूँज रहे हैं मंदिर शिवाले
हर हर महादेव के नारों से
गूँजयमान हुआ गगन भी
भोलेनाथ की हुँकारों से
चारों ओर देखो तो
छटा कैसी निराली है
सावन की बूँदों संग
शम्भू कृपा बरसने वाली है
कृपा सिंधु जगत कृपालु
हे शिव शंकर हे त्रिपुरारी
करुणामयी दृष्टि हम पर भी
डालो नाथ अबकी बारी
अबके सावन में सबकी
विपदा सारी दूर करो
खुशियों वाले भंडार सभी के
भोले भंडारी भरपूर भरो