मै तुमको भुंलू अब नही मात, दास पर ऐसी कृपा करो,
बसी रहो मेरे मन मन्दिर में, कबुहु ना इन्कार करो,
मै तुमको भुंलू अब नही मात.....
विकल रंहु बिन दर्शन तेरे, ऐसी प्रीत जगा दो मेरे,
तुम बिन रह ना संकु, एक पल ऐसी लगन भरो,
मै तुमको भुंलू अब नही मात.....
दुख आये तो तुम्हे पुकारु, सुख मे भी ना तुम्हे विसारु,
प्यारी लगती रहो मुझे तुम, जो जी चाहे करु,
मै तुमको भुंलू अब नही मात......
माँ माँ कह बालक बुलावे, माँ ले गोदी झट गले लगावे,
आप अनन्त जन्म की, माता धीरज काहे धरो,
मै तुमको भुंलू अब नही मात......
तुम बिन मैया कौन सुनेगा, पथ के कांटे कौन चुनेगा,
हे करुणामयी मात भवानी, भव से पार करो,
मै तुमको भुंलू अब नही मात.....