करती ताडंव काली क्रोध मे आकर के,
करती ताडंव काली क्रोध मे आकर के,
लाखों पापी तारे तूने अपनी शरण मे लाकर के,
करती करती करती करती,
करती ताडंव काली क्रोध मे आ करके,
ऋषि मुनि सब करते प्राथना,
देवो ने फिर करी आराधना,
तर गये मईया भगत वो प्यारे,
तुझसे वर को पाकर के,
करती करती करती करती,
करती ताडंव काली क्रोध मे आकर के,
शुंभ निशुंभ को मारा तूने,
रक्तबीज सघांरा तूने,
पापियों को मारा मईया तूने भगा भगा करके,
करती करती करती करती,
करती ताडंव काली क्रोध मे आकर के,
लिखी कुणाल ने वंदना तेरी,
बदल देवो माँ किसमत मेरी,
जाँनी गाये गुण माँ तेरे,
देखो घर घर जा करके,
करती करती करती करती,
करती तांडव काली क्रोध में आ करके,