तुम्हारी करुणा की प्रेम वर्षा,
सभी जनों पे बरस रही है,
तुम्हारी रहमत से मेरे गुरुवर,
तुम्हारी रहमत से मेरे गुरुवर,
सभी की क़िस्मत चमक रही है,
तुम्हारी करुणा की प्रेम वर्षा,
सभी जनों पे बरस रही है......
तुम्हारे चरणों की धूल पाके,
भाग्य हमारे हैं यूँ ही जागे,
उसी की महिमा के गीत गाकर,
हमारी बग़िया महक रही है,
तुम्हारी करुणा की प्रेम वर्षा,
सभी जनों पे बरस रही है......
हमारी रग रग में तुम बसे हो,
तुम्हारे दर्शन की हमको चाहत,
हे राम मेरे हे मेरे गुरुवर,
दरश को आँखे तरस रही है,
तुम्हारी करुणा की प्रेम वर्षा,
सभी जनों पे बरस रही है.......
तुम्हारी करुणा की प्रेम वर्षा,
सभी जनों पे बरस रही है,
तुम्हारी रहमत से मेरे गुरु वर,
तुम्हारी रहमत से मेरे गुरुवर,
सभी की किस्मत चमक रही है,
तुम्हारी करुणा की प्रेम वर्षा,
सभी जनों पे बरस रही है......
राज कुमार राजपूत, इंद्रलोक कॉलोनी, बिजनौर