छम छम नाचे राधा,
मुरली श्याम बजाते हैं,
छम छम नाचे राधा,
मुरली श्याम बजाते हैं
बड़े ही प्यारे लगते,
जब ये रास रचाते हैं,
बड़े ही प्यारे लगते,
जब ये रास रचाते हैं......
आज तो बरसाना नगरी के,
भक्तों अजब नजारे,
आज तो बरसाना नगरी के,
भक्तों अजब नजारे,
रास देखने आ गये इनका,
लोग गांव के सारे,
भाव विभोर देख कर इनका,
वो खो जाते हैं,
बड़े ही प्यारे लगते,
जब ये रास रचाते हैं,
बड़े ही प्यारे लगते,
जब ये रास रचाते हैं......
इतनी प्यारी धुन तो,
श्याम ने कभी बजाई ना थी,
सुध बुध भूल गई है राधा,
इतनी जोर से नाची,
पायल के घुंघरू भी,
इनके टूट ही जाते हैं,
बड़े ही प्यारे लगते,
जब ये रास रचाते हैं,
बड़े ही प्यारे लगते,
जब ये रास रचाते हैं......
राधेश्याम के प्रेम की भक्तों,
हो गई अमर कहानी,
राधा इनको बोले ना कोई,
बोले श्याम दीवानी,
जो सच्ची हो प्रीत,
अमर प्रेमी हो जाते हैं,
बड़े ही प्यारे लगते,
जब ये रास रचाते हैं,
बड़े ही प्यारे लगते,
जब ये रास रचाते हैं......