जग की नहीं जरुरत हम तो,
श्याम कृपा में पलते है,
आगे आगे खाटू वाला,
आगे आगे खाटू वाला,
हम तो पीछे चलते है,
जग की नही जरुरत हम तो,
श्याम कृपा में पलते है........
हम उस बाग के फूल है प्यारे,
श्याम धणी जिसका माली,
भवरों से डर कैसा हमको,
श्याम करे जब रखवाली,
इनकी कृपा से सींचे जाए,
फूल वो दिन दिन खिलते है,
जग की नही जरुरत हम तो,
श्याम कृपा में पलते है........
जग के झूठे सेठों से बस,
मेरा इतना कहना है,
जिसके इशारे गोलू नाचे,
वो बस श्याम की बैना है,
जग क्या बिगाड़े उसका जो,
श्री श्याम कृपा से पलते है,
जग की नही जरुरत हम तो,
श्याम कृपा में पलते है........
जग की नहीं जरुरत हम तो,
श्याम कृपा में पलते है,
आगे आगे खाटू वाला,
आगे आगे खाटू वाला,
हम तो पीछे चलते है,
जग की नही जरुरत हम तो,
श्याम कृपा में पलते है.......