नजर दया की संवारे इक बार करो,
शरण पड़े को बाबा अब सवीकार करो,
दर दर भटके अब तेरे दर आये है,
हारे है हारो का ना इनकार करो,
साथ तेरा साथ तेरा,
साथ तेरा मिल जाए तो फिर सुधर जाएगा ये जनम,
ठोकरे जग की खाए हम,
मेरे श्याम कभी तो खबर लो आस तुमसे लगाये हम,
ठोकरे जग की खाए हम,
करुनानिधि अब हो करूणा दिखलाओ तुम,
धीर छुट ता आकर धीर बंधाओ तुम,
वक़्त दिशा हालत के आगे हारे हम,
काल की बाबा अब तो चाल फिराओ तुम,
तेरी मेहर तेरी मेहर,
तेरी मेहर की जो नजर हो पल में थम जायेगे सारे गम,
ठोकरे जग की खाए हम,
हम ने सुना दरबार तेरा निराला है,
हर वेचारो का बाबा रखवाला है,
आँखों को पड लेता तू आँखों से,
सचा लखदातार तू खाटू वाला है,
तेरी डगर तेरी डगर,
तेरी डगर बाबा चले हम गोलू चाहे किरपा हर दम
ठोकरे जग की खाए हम,