आ लौट के आ,
आ लौट के आजा हनुमान तुझे तेरे राम बुलाते है,
संकट में लखन के प्राण, तुझे तेरे राम बुलाते है.......
जो पुछेगी मैया सुन मेरे भैया कहाँ है लखन क्या कहूँगा,
तन मन है लखन मेरा जीवन लखन बिन इसके मैं कैसे रहूँगा,
लक्ष्मण में बसे मेरे प्राण तुझे तेरे राम बुलाते है.......
बीते ज्यों रैना बरसे है नैना रह-रह के मन घबराए,
राह निहारूँ तुझको पुकारूँ कब तू संजीवन लाये,
रख लेना तू मेरा मान तुझे तेरे राम बुलाते है.....
पवन वेग से बड़े तेज से हनुमत बूंटी लाये,
लखन लाल के प्राण बचाकर राम के काम बनाये,
सब करे तेरा गुणगान राम जी गले लगाते है,
संकट मौचन हनुमान जो सबके कष्ट मिटाते है,
जो धरता है इन का ध्यान वो हर पल मौज मनाते है,
लो आ गए हनुमान राम जी गले लगाते हैं.......