बस इतनी सी किरपा कर दो,
बस इतनी सी किरपा कर दो,
मेरे उज्जैन के महाकाल,
देदो अपनी नौकरी उज्जैन के महाकाल,
तेरा उपकार होगा….
हर दिन बाबा रोज सुबह शाम तेरे दर पर आऊंगा,
जल बेल पत्र भंगिया फूलो से तेरा श्रंगार सजाऊंगा,
उज्जैन नगरी बाबा तेरी दुनिया मे है महान,
देदो अपनी नौकरी उज्जैन के महाकाल,
तेरा उपकार होगा……….
उज्जैन सो कोई धाम नही ओर महाकाल सो नाम नही,
कहलाते उज्जैन के राजा महाकाल तुमसा न कोई,
मुझे देदो अपनी नोकरी मेरे उज्जैन के महाकाल ,
देदो अपनी नौकरी उज्जैन के महाकाल,
तेरा उपकार होगा…….
ना ही भटक तू जगत में बंदे एक सहारा तेरा ये ,
सारि दुनिया झूठा झमेला सच्चा साथी एक ही ये,
अंत समय जो आया तो आएगा तु भी यहां,
देदो अपनी नौकरी उज्जैन के महाकाल ,
तेरा उपकार होगा.....