जिसका साथी बन जाये एक बार सांवरिया,
फिर उसको किसका डर हो जिसका यार सांवरिया,
ये सबकी पीड़ा जाने आता दुःख दर्द मिटाने,
जो होठ हसे नही कबसे उसको देता मुश्काने,
वीरान दिलो को करता है गुलजार सांवरिया,
फिर उसको किसका डर .........
दुनिया जिसको खुकराए इसे तरस उसी पर आये,
आँखों से पौंच के अनसु सिने से उसे लगाये,
निर्बल की सुन लेता है पुकार सांवरिया,
फिर उसको किसका डर .........
जो दास बने गिरघर का गिरघर साथी उस नर का,
फिर गजेसिंह डर उसको क्या होगा भाव सागर का,
ले जाये हाथ पकड़ कर उस पार सांवरिया,
फिर उसको किसका डर .........