कोई कमी रही नहीं जब से खाटू दरबार में गया

जब से हुई श्याम बाबा की नजर जिंदगी अपनी गई है सवर,
जो भी माँगा मैंने श्याम से मुझको वो हर बार है मिला,
कोई कमी रही नहीं जब से खाटू दरबार में गया,

धन दिया मान दियां बड़ा समान दिया जग में मेरे बाबा श्याम ने,
जग में बड़ी औकात मेरी कर दी कदर बड़ा दी मेरे श्याम ने,
नहीं शब्दों में होता व्यान इतना एहसान है किया,
कोई कमी रही नहीं जब से खाटू दरबार में गया,

छूटे जमाना चाहे छूटे ठिकाना पर दर तेरा अब न छूटे,
जग रूठे मोहे चिंता नहीं पर श्याम मेरा न रूठे,
करू चाकरी जब तक बलता रहे जीवन का दियां,
कोई कमी रही नहीं जब से खाटू दरबार में गया,

महिमा का ज्ञान करू तेरा गुण गान करू दुनिया में भजन सुनाऊ,
यहाँ पे जाओ मुख पे हो तेरा नाम तेरा ही भक्त कहाऊ,
तन मन को श्याम रंग में मैंने रंग लिया,
कोई कमी रही नहीं जब से खाटू दरबार में गया,
download bhajan lyrics (837 downloads)