जग से आस लगायेगा फिर धोखे ही खायेगा

जग से आस लगायेगा बस धोखे ही खायेगा,
आस लगा श्री श्याम से आस पुगाये गा,
वकत जो ये बिसराएगा फिर तू सम्बल न पाए गा,
याद करना श्याम को दोरहा  आयेगा

मतलब के है सारे रिश्ते संसार के,
फुर्सत है किसको जो बोले दो लफस प्यार के,
हर रिश्ता तू बना इनसे निबायेगा,
कैसे भी हालत हो सदा रहे तेरे साथ वो,
तेरी जगह तेरे गम से वो टकराएगा,
जग से आस लगायेगा फिर धोखे ही खायेगा,

जिसे भी सम्म्जो अपने वो सारे बेगाने है,
वक़्त पड़े एहसास होगा वो बस अफसाने है,
श्याम ही था श्याम ही है श्याम होगा,
सुख दुःख का है यार ये बन जाता सरकार ये,
हाथ पकड़ के संग में खड़ा हो जायेगा,
जग से आस लगायेगा फिर धोखे ही खायेगा,

लहरो में नैया तेरी अटकेगी,
डर कर हालतों से नैया राह भटकेगी,
श्याम पतवार थाम खुद हाथ चलयेगा,
माजी ये बन जायेगा भव से पार लगायेगा,
निर्मल की नैया को श्याम चलयेगा,
जग से आस लगायेगा फिर धोखे ही खायेगा
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