मेरी बगिया में आई बहार सवार खड़ी शेरावाली.....
ऊंचे भवन मां की चमके बिजुरिया,
गंगा चरण धोये बाजे पायलिया,
बहे आंचल से शीतल बयार सवार खड़ी शेरावाली....
झुक झुक जाए फुलवन की डाली,
चम चम चमके चुनरिया लाली,
सरगम की सातों रसधार सवार खड़ी शेरावाली.....
एक मालिन मां के हंस के पैंया लागे,
नाच रही झूम झूम शेरावाली के आगे,
मालिन का हुआ उद्धार सवार खड़ी शेरावाली.....