माँ तुझसा दयालु कोई नहीं,
दाता कृपालु कोई नहीं......-2
कहता है ये जहां, ये ज़मीन, आसमां,
जग की है जन्मी तू माँ,
जय अम्बे
सबकी पालनहारी तू,
ममता की गंगा न्यारी तू,
माँ सबकी पालनहारी तू,
ममता की गंगा न्यारी तू,
कहता है ये जहां, ये ज़मीन, आसमां,
जग की है जन्मी तू माँ,
जय माँ
तुझसा दयालु कोई नहीं,
दाता कृपालु कोई नहीं।
माँ जैसी भी आस ले कोई यहाँ आ गया,
वैसे ही नेहमते तुझसे वो पा गया,
ओ जो तेरे ध्यान में मन से है खो गया,
कांच का टुकड़ा भी हीरा ही हो गया,
कहना है ये जहां, ये ज़मीन, आसमां,
जग की है जन्मी तू माँ,
जय अम्बे
सबकी पालनहारी तू,
ममता की गंगा न्यारी तू,
माँ तुझसा दयालु कोई नहीं,
दाता कृपालु कोई नहीं।
माँ तेरे दर बेर है अंधेर तो माँ नहीं,
भव का छल झूठ हुआ हेर फेर माँ नहीं,
ओ जो तेरी भक्ति की डोर में है बंधा,
वो तेरी धुन में रहता है माँ सदा,
कहना है ये जहां, ये ज़मीन, आसमां,
जग की है जन्मी तू माँ,
जय अम्बे
सबकी पालनहारी तू,
ममता की गंगा न्यारी तू,
माँ तुझसा दयालु कोई नहीं,
दाता कृपालु कोई नहीं,
कहता है ये जहां, ये ज़मीन, आसमां,
जग की है जन्मी तू माँ,
जय माँ
तुझसा दयालु कोई नहीं,
दाता कृपालु कोई नहीं।