ग्यारस माता मेरे घर आइए,
फिर तन्ने मैं अपना लूंगी.....
मेरी ड्योढ़ी पर पैर धरेगी,
फिर तन्ने शीश झुका दूंगी,
मेरे घर में चार कोने हैं,
चारों पर आसन लगा दूंगी,
मेरे घर में सासुल ससुरे,
तेरी उनसे सेवा करा दूंगी,
ग्यारस माता मेरे घर आइए,
फिर तन्ने मैं अपना लूंगी.....
मेरी ड्योढ़ी पर पैर धरेगी,
चरणों में शीश झुका दूंगी,
मेरे घर में चार कोने हैं,
चारों में आसन लगा दूंगी,
मेरे घर में जेठ जेठानी,
तेरी उनसे सेवा करा दूंगी,
ग्यारस माता मेरे घर आइए,
फिर तन्ने मैं अपना लूंगी.....
मेरी ड्योढ़ी पर पैर धरेगी,
चरणों में शीश झुका दूंगी,
मेरे घर में चार कोने हैं,
चारों में आसन लगा दूंगी,
मेरे घर में राजा रानी,
तेरी उनसे सेवा करा दूंगी,
ग्यारस माता मेरे घर आइए,
फिर तन्ने मैं अपना लूंगी.....