जब मैं जाउगा इस दर से जीवन का हिसाब माँ लेना,
अगर कुछ घर में मिला तो मुझे पुनर जनम फिर देना,
मुझे भेज देना उसी परिवार में,
मैं तो जीवन गुजारु माँ के प्यार में,
पापा जी की डांट में भलाई छुपी होती थी,
रूठी मैया को माना है के भोजन खिलाना,
क्या महोबत थी ममता दुलार में,
मैं तो जीवन गुजारु माँ के प्यार में,
भूखी रहती थी मैया मुझको खिलाती थी,
हुआ जो बीमार मम्मी रोती रह जाती थी,
पापा दौड़े दौड़े जाते जाके डॉक्टर को लाते कब ठीक होगा रहते इंतज़ार में,
मैं तो जीवन गुजारु माँ के प्यार में,
घर वाली मैया को पहले मनाओ तुम फिर किसी दर जाके सिर को झुकाओ तुम,
शेरोवाली खुश होगी झोली तेरी भर के देगी,
गगन गाता भजन माँ के प्यार में,
मैं तो जीवन गुजारु माँ के प्यार में,