पाकर के प्यार आपका, जीवन बदल गया,
तन का रहा न होश रे, मन भी बदल गया,
पाकर के प्यार आपका.....
संसार की हवाएं मुझको तपा रही थी,
शीतल हुआ है जीवन, जब तू बरस गया,
पाकर के प्यार आपका.....
कंगालिया बहुत थी कंगाल दिल था मेरा,
दौलत मिली है प्यार की2धनवान बन गया,
पाकर के प्यार आपका.....
था गर्दीशो में जीवन, बेहाल जिंदगी थी,
दर्शन हुआ है आपका, मौसम बदल गया,
पाकर के प्यार आपका.....
दुनियां की झाड़ियों में अटका हुआ था दामन,
स्पर्श मिला है आपका, जीवन सुधर गया,
पाकर के प्यार आपका....
डॉ सजन सोलंकी