नैनन में बसी है सुरतिया तुम्हारी,
करू दिन रात भोले मैं पूजा तुम्हारी,
बम भोले,, तू मन को भाये,
कण कण में तू ही समाये......
मैं तो भोले तेरे खातिर,
रहता हूँ हरदम ही हाज़िर,
जबसे भोले तुझको ध्याया है,
मैंने सब कुछ तुमसे पाया है,
तुम्ही से दिल को लगाए,
कण कण में तू ही समाये,
बम भोले तू मन को भाये.....
तुझे समपृत सब कुछ किया है,
कुछ नहीं मेरा सब तेरा है,
तू ही मेरा विश्वास है,
तुझसे ही सब आस है,
ये आशा,, टूट ना पाए,
कण कण में तू ही समाये,
बम भोले तू मन को भाये.....