मैं तेरी कठपुतली, श्याम मैं तेरी कठपुतली,
राधा मैं तेरी कठपुतली, तेरा हुक्म वजाऊँगी
तू डोर हिलाना साँवरियाँ, मैं नाच दिखाऊँगी
मेरा वज़ूद कुछ नहीं, मैं जड़ हूँ सांवरे ll
मैं तेरे एक इशारे पे ll, चेतन हो जाऊंगी
तू डोर हिलाना साँवरियाँ, मैं नाच दिखाऊँगी
श्याम मैं तेरी कठपुतली.......
मेरी नकेल तो, तेरे हाथों में है प्रभु ll
तू चाहे जिधर घुमा ले ll , मैं घूम जाऊंगी
तू डोर हिलाना साँवरियाँ, मैं नाच दिखाऊँगी
श्याम मैं तेरी कठपुतली.......
मैं नर हूँ तूँ नारायण, तेरा अँश है मुझ में ll
जो तेरी रज़ा है उसमे ll, मैं राज़ी हो जाऊंगी
तू डोर हिलाना साँवरियाँ, मैं नाच दिखाऊँगी
श्याम मैं तेरी कठपुतली......
तेरे हर्ष को दरबार में, जितना नचा लेना ll
दुनियां में नहीं नचाना ll, मैं थिरक न पाऊंगी
तू डोर हिलाना साँवरियाँ, मैं नाच दिखाऊँगी
श्याम मैं तेरी कठपुतली......
अपलोड द्वारा :-अनिल भोपाल